सांख्यिकी संकध

  • सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय देश में जारी सांख्यिकी के विस्‍तार और गुणवत्‍ता संबंधी पहलुओं को काफी महत्‍व देता है। जारी की जाने वाली सांख्यिकी, प्रशासनिक स्रोतों, केंद्र और राज्‍य सरकार द्वारा आयोजित सर्वेक्षणों और गणनाओं तथा गैर-सरकारी स्रोतों और अध्‍ययनों पर आधारित होता है। ये सर्वेक्षण वैज्ञानिक प्रतिदर्श विधि का उपयोग करके किए जाते हैं। फील्‍ड डेटा समर्पित फील्‍ड कर्मचारियों के माध्‍यम से एकत्र किए जाते हैं। राष्‍ट्रीय लेखा और अन्‍य सांख्यिकी के संकलन से संबंधित प्रविधि संबंधी मुद्दों पर राष्‍ट्रीय लेखा सलाहकार समिति, औद्योगिक सांख्यिकी संबंधी स्‍थायी समिति और कीमत सूचकांक संबंधी तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा नजर रखी जाती है। यह मंत्रालय मानक सांख्यिकीय तकनीकों और व्‍यापक संवीक्षा के बाद वर्तमान डेटा पर आधारित डेटा सेटों का संकलन करता है।

  • भारत अंतर्राष्‍ट्रीय मौद्रिक निधि (आईएमएफ) विशेष डेटा प्रसारण मानक (एसडीडीएस) में अभिदान करता है और वर्तमान में इन मानकों को पूरा करता है। यह मंत्रालय, मंत्रालय की वेबसाइट और आईएमएफ के प्रसारण मानक बुलेटिन बोर्ड (डीएसबीबी) पर प्रसारण के लिए 'अग्रिम प्रसारण कैलेंडर' बनाता है। यह मंत्रालय प्रेस नोट और अपनी वेबसाइट के माध्‍यम से एक साथ एसडीडीएस के रियल क्षेत्र के अधीन आने वाले डेटा सेट जारी करता है। इस मंत्रालय को सार्क सोशल चार्टर इन इंडिया के कार्यान्‍वयन के लिए नोडल मंत्रालय के रूप में नामित किया गया है। यह मंत्रालय विभिन्‍न विषयों पर नियमित आधार पर तकनीकी बैठकें आयोजित करता है ताकि जारी की जाने वाली वर्तमान सांख्यिकी की प्रणाली और गुणवत्‍ता में डेटा के अंतर का मूल्‍यांकन किया जा सके। मंत्रालय के अधिकारी प्रविधियों के विकास, विशेषत: राष्‍ट्रीय लेखा, अनौपचारिक क्षेत्र की सांख्यिकी, व्‍यापक प्रतिदर्श सर्वेक्षण, जनगणना करने, सेवा क्षेत्र सांख्यिकी, गैर प्रेक्षण अर्थव्‍यवस्‍था, सामाजिक क्षेत्र सांख्यिकी, पर्यावरण संबंधी सांख्यिकी और वर्गीकरण के क्षेत्र के संबंध में अंतर्राष्‍ट्रीय एजेंसियों के साथ संबद्ध हैं।

  • सांख्यिकी स्‍कंध को निम्‍नलिखित दायित्‍व सौंपे गए हैं:

    1. देश में सांख्यिकीय प्रणाली के सुनियोजित विकास के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना।

    2. सांख्यिकी के क्षेत्र में मापदंड और मानक निर्धारित तथा अनुरक्षित करना।

    3. भारत सरकार के मंत्रालय/विभाग और राज्‍य सांख्यिकीय ब्‍यूरो (एसएसबी) के संबंध में सांख्यिकीय कार्य का समन्‍वय करना।

    4. राष्‍ट्रीय लेखा (जिसमें सकल घरेलू उत्‍पाद भी शामिल है) तैयार करना और राष्‍ट्रीय उत्‍पाद के वार्षिक अनुमानों, सरकारी और प्राइवेट अंतिम खपत व्‍यय, पूंजी निर्माण, बचत आदि और राज्‍य घरेलू उत्‍पाद (एसडीपी) के तुलनात्‍मक अनुमानों को प्रकाशित करना।

    5. उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (सीपीआई) संख्‍या और इन सीपीआई संख्‍याओं के आधार पर वार्षिक महंगाई की दरों का संकलन करना और उन्‍हें जारी करना।

    6. यूनाइटेड नेशंस स्‍टैस्टिकल डिवीजन (यूएनएसडी), ईएससीएपी, दॅ स्‍टैस्टिकल इंस्टिट्यूट फॉर एशिया एंड दॅ पेसिफिक (एसआईएपी), आईएमएफ, एडीबी, एफएओ, आईएलओ आदि जैसे अंतर्राष्‍ट्रीय संगठनों के साथ संपर्क बनाए रखना।

    7. मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्‍स (एमडीजी) इंडिया कंट्री रिपोर्ट और सार्क डेवलपमेंट गोल्‍स इंडिया कंट्री रिपोर्ट जैसी अंतर्राष्‍ट्रीय/ क्षेत्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुसार रिपोर्टें संकलित करना और प्रकाशित करना।

    8. प्रत्‍येक माह औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) का संकलन करना और जारी करना, वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण (एएसआई) करना और सांख्यिकीय सूचना उपलब्‍ध करना ताकि संगठित विनिर्माण क्षेत्र की संवृद्धि, संघटन और ढांचे में होने वाले परिवर्तनों का मूल्‍यांकन और आकलन किया जा सके।

    9. आवधिक अखिल भारतीय आर्थिक गणना आयोजित और संचालित करना तथा उद्यम सर्वेक्षणों पर अनुवर्ती कार्रवाई।

    10. रोज़गार उपभोक्‍ता व्‍यय, आवासीय स्थिति तथा पर्यावरण, साक्षरता स्‍तर, स्‍वास्‍थ्‍य, पोषण, परिवार कल्‍याण आदि जैसे विविध सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों में विभिन्‍न जनसंख्‍या समूहों के लाभ के लिए विशिष्‍ट समस्‍याओं के प्रभाव का अध्‍ययन करने हेतु आवश्‍यक डेटाबेस तैयार करने के लिए व्‍यापक स्‍तर पर अखिल भारतीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण करना।

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